ॐ जय जगदीश हरे आरती | Om jai jagdish hare aarti lyrics in hindi

Om jai jagdish hare aarti | ॐ जय जगदीश हरे आरती एक प्रसिद्ध हिन्दू भक्ति गीत है जो भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जो भगवान विष्णु के एक रूप के रूप में माने जाते हैं। यह गीत भगवान की कृपा और संरक्षण की प्राप्ति के लिए गाया जाता है।

आरती के शब्द भक्तों के द्वारा उनके ईश्वर की महिमा, शक्ति, और कृपा की स्तुति करने के लिए होते हैं। इसके माध्यम से वे भगवान के सामने अपनी भक्ति और विश्वास का अभिवादन करते हैं और उनसे अपनी आराधना की मांग करते हैं। आरती का गाना एक धार्मिक आयोजन, मंदिर, या गृह पूजा के दौरान किया जाता है जब भगवान के सामने आराधना की जाती है।

“ॐ जय जगदीश हरे” आरती के शब्दों में भक्त जगन्नाथ जी के प्रति अपनी श्रद्धा और प्यार को व्यक्त करते हैं और उनके चरणों में अपनी समर्पण की भावना को व्यक्त करते हैं। यह गीत भगवान की अनंत शक्ति और दया को मान्य करता है और उसकी कृपा का आग्रह करता है।

Om jai jagdish hare aarti | ॐ जय जगदीश हरे आरती

Om jai jagdish hare aarti lyrics in hindi

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥

रचयिता: पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी

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Om jai jagdish hare aarti lyrics in English

om-jay-jagdish-hare-aarti

Om Jaye Jagdish Hare, Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare॥

Jo Dhaywe Phal Pave, Dukh Vinse Man Ka॥
Sukh Sampati Ghar Aave, Kasht Mite Tan Ka॥

Maat-Pita Tum Mere, Sharan Gahun Kiskee॥
Tum Bin Aur Na Duja, Aas Karun Jiskee॥

Tum Puran Parmatma, Tum Antaryami॥
Par-Brahm Parmeshwar, Tum Sabke Swami॥

Tum Karuna Ke Saagar, Tum Palankarta॥
Main Moorakh Khal Kami, Mein Sewak Tum Swami,
Kripa Karo Bharta …

Tum Ho Ek Agochar, Sabke Pran Pati॥
Kis Vidhi Milun Dayamay, Tumko Main Kumti॥

Deenbandhu Dukh Harta, Thakur Tum Mere, Swami Rakshak Tum Mere॥
Apne Hath Uthaao, Apni Sharan Lagao,
Dwar Para Tere …

Vishay Vikaar Mitaao, Paap Haro Deva॥
Shradha Bhakti Badhaao, Santan Ki Sewa॥

Om Jaye Jagdish Hare, Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare॥

Author: Pandit Sharaddha Ram Sharma

Search Terms: ॐ जय जगदीश हरे आरती, Om jai jagdish hare aarti

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